अब कभी भी न पियूं गा बारहा तौबा किया
जब दिखा जामो सुबू उस का सदा उल्टा किया
इश्क़ ने सिखला दिया कि बेवफाई भी है कुछ
मेरे ही महबूब ने पूरा नहीं वादा किया
गर्दिशे अय्याम का रुख़ जिस ने पहचाना नहीं
अपने हक़ में यह नहीं उस क़ौम ने अच्छा किया
बंद कर दें वह जफ़ाएं यह तवक़्क़ो है फुज़ूल
इन हसीनों ने बताओ है भला किस का किया
गैर के जब हो लिए वोह क्यों शिकायत तुम को है
दिल है उनका, तू ने हामिद शिकवा ए बेजा किया
Welcome
MAY PEACE BE UPON YOU
12/18/2009
कौन है गदहे का बच्चा
एक साहब का दरवाज़ा जोर से बजा!
वह गुस्से में दरवाजे के पास गए और बोले "कौन है गदहे का बच्चा?"
बाहर से आवाज़ आयी "अब्बू मैं हूँ!"
वह गुस्से में दरवाजे के पास गए और बोले "कौन है गदहे का बच्चा?"
बाहर से आवाज़ आयी "अब्बू मैं हूँ!"
12/17/2009
Nature v/s Appearance
In pursuit of one I wander whole day
“They’re mine I’m theirs” whom can I say
I’m frank & simple people don’t believe me
Their search is for those fetching stars from sky
To appearance, inner quality has lost ground
More praise, than natural beauty, make-up has found
There’re plastic banquets not rose in pot
In paper work, jasmine smell people have sought
Attracted to luxury life, we never think
It leaves thousands at starvation brink
Yet some wise men can distinguish
The original pure from fake rubbish
“They’re mine I’m theirs” whom can I say
I’m frank & simple people don’t believe me
Their search is for those fetching stars from sky
To appearance, inner quality has lost ground
More praise, than natural beauty, make-up has found
There’re plastic banquets not rose in pot
In paper work, jasmine smell people have sought
Attracted to luxury life, we never think
It leaves thousands at starvation brink
Yet some wise men can distinguish
The original pure from fake rubbish
12/16/2009
जहन्नम से बोल रहा हूँ
एक साहब को रात चार बजे किसी ने फोन किया
उन्हों ने फोन रिसीव किया तो दूसरी तरफ से आवाज़ आई. "आप कहाँ से बोल रहे हैं?"
साहब ने ग़ुस्से में कहा "नरक से"
उधर से आवाज़ आई: " यही मालूम करना था! मुझे शक था कि तुम जैसा पापी कहीं "स्वर्ग" में तो नहीं पहुँच गया है.
उन्हों ने फोन रिसीव किया तो दूसरी तरफ से आवाज़ आई. "आप कहाँ से बोल रहे हैं?"
साहब ने ग़ुस्से में कहा "नरक से"
उधर से आवाज़ आई: " यही मालूम करना था! मुझे शक था कि तुम जैसा पापी कहीं "स्वर्ग" में तो नहीं पहुँच गया है.
12/13/2009
हकीम जी दवा कब लूँ
एक साहब जिन्हें मोटापे कि शिकायत थी हकीम जी के पास इलाज के लिए गए!
हकीम जी: अच्छा बताओ तुम रोज़ाना कितना खाना खाते हो! इसी के हिसाब से मैं तुम्हें दवा दूं गा!
बीमार: ज़यादा नहीं हकीम साहब! नाश्ते में २० रोटी, और एक लीटर चाये! दोपहर और रात में ३० रोटी, २० प्लेट चावल और १५ प्लेट सब्जी.
हकीम जी: अच्छा एक काम करो! अब नाश्ते में १० रोटी और आधा लीटर चाए लो. दोपहर और रात में १५ रोटी, १० प्लेट चावल और ८ प्लेट सब्जी खाओ. उम्मीद है कि तुम्हारा मोटापा कम हो जाये गा!
बीमार: अच्छा हकीम साहब, बहुत शुक्रिया! अब मैं चलता हूँ. ...थोड़ी दूर जा कर बीमार को कुछ याद आया और वह हकीम साहब के पास लौट कर आया!
बीमार: लेकिन हकीम जी आप ने यह तो नहीं बताया कि मैं खाने की यह मात्र नाश्ते के बाद लूं या दुपहर के खाने के बाद या शाम के खाने के बाद?
हकीम जी: अच्छा बताओ तुम रोज़ाना कितना खाना खाते हो! इसी के हिसाब से मैं तुम्हें दवा दूं गा!
बीमार: ज़यादा नहीं हकीम साहब! नाश्ते में २० रोटी, और एक लीटर चाये! दोपहर और रात में ३० रोटी, २० प्लेट चावल और १५ प्लेट सब्जी.
हकीम जी: अच्छा एक काम करो! अब नाश्ते में १० रोटी और आधा लीटर चाए लो. दोपहर और रात में १५ रोटी, १० प्लेट चावल और ८ प्लेट सब्जी खाओ. उम्मीद है कि तुम्हारा मोटापा कम हो जाये गा!
बीमार: अच्छा हकीम साहब, बहुत शुक्रिया! अब मैं चलता हूँ. ...थोड़ी दूर जा कर बीमार को कुछ याद आया और वह हकीम साहब के पास लौट कर आया!
बीमार: लेकिन हकीम जी आप ने यह तो नहीं बताया कि मैं खाने की यह मात्र नाश्ते के बाद लूं या दुपहर के खाने के बाद या शाम के खाने के बाद?
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